नई दिल्ली: बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को लेकर संसद में जोरदार सियासी घमासान मचा हुआ है। कांग्रेस और विपक्षी दल इसे मुद्दा बनाकर सरकार को घेरने की कोशिश कर रहे हैं। इस विवाद के बीच दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी बड़ा कदम उठाया है। केजरीवाल ने केंद्र में एनडीए की सहयोगी जेडीयू के प्रमुख नीतीश कुमार और टीडीपी के नेता एन चंद्रबाबू नायडू को खत लिखा है। इस पत्र में केजरीवाल ने दोनों नेताओं से बीजेपी का समर्थन वापस लेने की अपील की है।
बीजेपी ने संसद में बाबा साहेब का अपमान किया है। लोगों को लगता है कि बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते। आप भी इस पर विचार करें।
श्री नीतीश कुमार जी को मेरा पत्र। pic.twitter.com/YLd7lXrqmn
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) December 19, 2024
केजरीवाल ने आरोप लगाया- “बीजेपी ने किया बाबा साहेब का अपमान”
केजरीवाल ने अपने पत्र में कहा, “बीजेपी ने संसद में बाबासाहेब अंबेडकर का अपमान किया है। अब लोगों को लगता है कि जो अंबेडकर को चाहते हैं, वे बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते।” उन्होंने नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू से पूछा, “क्या आप अमित शाह द्वारा किए गए बाबासाहेब के अपमान का समर्थन करते हैं?” केजरीवाल ने इस पत्र को सार्वजनिक करते हुए एनडीए के दोनों साझेदारों से विचार करने की अपील की है।
बीजेपी ने संसद में बाबा साहेब का अपमान किया है। लोगों को लगता है कि बाबा साहेब को चाहने वाले बीजेपी का समर्थन नहीं कर सकते। आप भी इस पर विचार करें।
My Letter to Shri N Chandra Babu Naidu ji. pic.twitter.com/87pKYTfdDY
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क्या था अमित शाह का बयान?
अमित शाह ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि अंबेडकर का नाम अब एक ‘फैशन’ बन गया है। उन्होंने संसद में कहा था, “अगर कांग्रेस ने अंबेडकर के बजाय भगवान का नाम लिया होता, तो उन्हें सात जन्मों तक स्वर्ग मिलता।” इस बयान के बाद से विवाद बढ़ गया, और कई विपक्षी दलों ने इस पर विरोध जताया।
प्रधानमंत्री मोदी का बचाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में अमित शाह का बचाव करते हुए कहा कि शाह ने अंबेडकर के प्रति कांग्रेस के काले इतिहास को उजागर किया है। मोदी ने कहा, “कांग्रेस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदायों को सशक्त बनाने के लिए कुछ नहीं किया। शाह ने जो तथ्यों को प्रस्तुत किया, उससे कांग्रेस स्तब्ध है और अब वे नाटकबाजी कर रहे हैं।” पीएम मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस के शासन में एससी/एसटी समुदायों के खिलाफ कई नरसंहार हुए, लेकिन कांग्रेस ने कभी इस पर ठोस कदम नहीं उठाए।
इस विवाद के चलते संसद में विपक्ष और सत्तापक्ष के बीच तीखी बहस हो रही है, और यह मुद्दा सियासी गलियारों में गरमाया हुआ है।